शुभ फल के लिए उपयोगी पेड़-पौधे
हमारे जीवन में पेड़-पौधों की अहम भूमिका है। पेड़-पौधे हमारे संस्कार से लेकर संस्कृति तक में शामिल हैं। कोई पेड़-पौधा औषधीय गुण रखता है, तो कोई आध्यात्मिक महत्व। वास्तु शास्त्र में भी पेड़-पौधों का खूब महत्व है।
मनुष्य सृष्टि के आरंभ से ही वनस्पति जगत से जुड़ा हुआ है। यहां तक कि कई पेड़-पौधों को हम पूजते भी हैं। वास्तु में भी पेड़-पौधों का बहुत महत्व है। कई वृक्ष ऐसे हैं, जो दिशा विशेष में स्थित होने पर शुभ अथवा अशुभ फल देते हैं। घर के उत्तर में, पूर्व में तथा उत्तर-पूर्व में कम ऊंचाई वाले पौधे, जैसे तुलसी, गेंदा, आंवला, चम्पा, चमेली, मोतिया आदि लगाने चाहिए। ये पौधे वायु को शुद्ध रखते हैं। घर के दक्षिण-पश्चिम में ऊंचे पेड़, जैसे नीम, बड़, पीपल आदि हों तो शुभ प्रभाव देते हैं। देखते हैं वास्तु में कुछ पेड़-पौधों का असर:
पीपल
पीपल की मुख्य विशेषता यह है कि ये 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ता है। कैंसर जैसे असाध्य रोग के लिए भी यह लाभकारी है। पीपल घर से पर्याप्त दूरी पर हो तो अच्छा है, क्योंकि इसकी जड़ें दूर-दूर तक फैलती हैं, जो भवन की नींव को नुकसान पहुंचा सकती हैं। रात को इस पेड़ के नीचे नहीं सोना चाहिए, क्योंकि इससे तीव्र मात्र में गैसें निकलती हैं, जिससे मूर्छा का डर रहता है। प्राय: यह पेड़ सार्वजनिक स्थल या धर्मस्थान पर ही लगाया जाता है। पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल (कड़वे तेल) का दीया जलाना व इसकी जड़ों में पानी में चीनी डालकर चढ़ाना धार्मिक व वैज्ञानिक दृष्टि से श्रेयस्कर है।
तुलसी
तुलसी का पौधा लगाने से आसपास का वातावरण कीटाणु रहित हो जाता है। यह घर के उत्तर-पूर्व व पूर्व दिशा में लगाना चाहिए। इसे घर के आंगन (ब्रह्मा स्थान) में भी लगाया जा सकता है। तुलसी का पौधा औसतन 10 पेड़ों के बराबर ऑक्सीजन छोड़ता है। इस पौधे का औषधीय व आध्यात्मिक महत्व भी है। आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में तथा खांसी-जुकाम में इसकी पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी का पौधा घर के दक्षिणी भाग में नहीं लगाना चाहिए, जो अत्यधिक कष्टकारी हो सकता है।
बांस
बांस को उत्तर-पूर्व में लगाना शुभ होता है। यह भूमि के अंदर ही अंदर प्राकृतिक रूप से खुदाई करते हुए बढ़ता है। यह कारोबार में वृद्धि और सुख-स्मृद्धि देने वाला होता है। चीन में बांस के पौधे का उतना ही महत्व है, जितना भारत में पीपल के पेड़ का। बांस का पेड़ तड़ित विद्युत यंत्र का काम करता है। जहां ये पेड़ लगे होते हैं, वहां आकाशीय बिजली गिरने की संभावना कम हो जाती है।
अन्य पेड़
पौधे अज्ञानतावश घर में लगा लिए जाते हैं, जो वास्तु की दृष्टि से अशुभ भी हो सकते हैं, जैसे इमली, कपास, गोंद, कैक्टस, बोनसाई, रबर प्लांट तथा अन्य कांटेदार पौधे। ऐसे पौधे जिनकी पत्तियों को तोड़ने पर दूध जैसा सफेद द्रव्य निकलता है या ऐसे पौधे, जिनसे गोंद निकलता हो, हानिकारक हो सकते है। कांटेदार व नुकीले पौधे नकारात्मक वातावरण पैदा करते हैं। घर के प्रवेश द्वार के सामने सूखा पेड़ या पेड़ का ठूंठ नहीं होना चाहिए। यह अशुभ है।
नीम
इस वृक्ष का औषधीय महत्व बहुत अधिक है। इसकी पत्तियों को प्रवेश द्वार पर बांधना शुभ समझा जाता है। यह आयुर्वेद में लगभग 300 औषधियां बनाने के काम लाया जाता है। इसकी लकड़ी से बने फर्नीचर व दरवाजों में कभी दीमक नहीं लगती। इसकी टहनी का प्रयोग दांतुन के रूप में किया जाता है। अपने आसपास के वातावरण को यह कीटनाशक कर देता है, इसलिए इसे घर के आसपास लगाना अच्छा माना जाता है।
केला
केले के पौधे को शुभ व धन-संपन्नता का प्रतीक मानते हुए घर के प्रवेश द्वार व शादी-ब्याह के मंडप आदि को सजाने के काम में लाते हैं। इसके पत्तों पर भोजन रखकर खाना स्वास्थ्य के लिए हितकारी माना जाता है। गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा भी होती है। यह पेड़ मंदिरों में लगाया जाता है।
http://www.livehindustan.com/news/lifestyle/lifestylenews/article1-trees-50-50-174220.html
हमारे जीवन में पेड़-पौधों की अहम भूमिका है। पेड़-पौधे हमारे संस्कार से लेकर संस्कृति तक में शामिल हैं। कोई पेड़-पौधा औषधीय गुण रखता है, तो कोई आध्यात्मिक महत्व। वास्तु शास्त्र में भी पेड़-पौधों का खूब महत्व है।
मनुष्य सृष्टि के आरंभ से ही वनस्पति जगत से जुड़ा हुआ है। यहां तक कि कई पेड़-पौधों को हम पूजते भी हैं। वास्तु में भी पेड़-पौधों का बहुत महत्व है। कई वृक्ष ऐसे हैं, जो दिशा विशेष में स्थित होने पर शुभ अथवा अशुभ फल देते हैं। घर के उत्तर में, पूर्व में तथा उत्तर-पूर्व में कम ऊंचाई वाले पौधे, जैसे तुलसी, गेंदा, आंवला, चम्पा, चमेली, मोतिया आदि लगाने चाहिए। ये पौधे वायु को शुद्ध रखते हैं। घर के दक्षिण-पश्चिम में ऊंचे पेड़, जैसे नीम, बड़, पीपल आदि हों तो शुभ प्रभाव देते हैं। देखते हैं वास्तु में कुछ पेड़-पौधों का असर:
पीपल
पीपल की मुख्य विशेषता यह है कि ये 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ता है। कैंसर जैसे असाध्य रोग के लिए भी यह लाभकारी है। पीपल घर से पर्याप्त दूरी पर हो तो अच्छा है, क्योंकि इसकी जड़ें दूर-दूर तक फैलती हैं, जो भवन की नींव को नुकसान पहुंचा सकती हैं। रात को इस पेड़ के नीचे नहीं सोना चाहिए, क्योंकि इससे तीव्र मात्र में गैसें निकलती हैं, जिससे मूर्छा का डर रहता है। प्राय: यह पेड़ सार्वजनिक स्थल या धर्मस्थान पर ही लगाया जाता है। पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल (कड़वे तेल) का दीया जलाना व इसकी जड़ों में पानी में चीनी डालकर चढ़ाना धार्मिक व वैज्ञानिक दृष्टि से श्रेयस्कर है।
तुलसी
तुलसी का पौधा लगाने से आसपास का वातावरण कीटाणु रहित हो जाता है। यह घर के उत्तर-पूर्व व पूर्व दिशा में लगाना चाहिए। इसे घर के आंगन (ब्रह्मा स्थान) में भी लगाया जा सकता है। तुलसी का पौधा औसतन 10 पेड़ों के बराबर ऑक्सीजन छोड़ता है। इस पौधे का औषधीय व आध्यात्मिक महत्व भी है। आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में तथा खांसी-जुकाम में इसकी पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी का पौधा घर के दक्षिणी भाग में नहीं लगाना चाहिए, जो अत्यधिक कष्टकारी हो सकता है।
बांस
बांस को उत्तर-पूर्व में लगाना शुभ होता है। यह भूमि के अंदर ही अंदर प्राकृतिक रूप से खुदाई करते हुए बढ़ता है। यह कारोबार में वृद्धि और सुख-स्मृद्धि देने वाला होता है। चीन में बांस के पौधे का उतना ही महत्व है, जितना भारत में पीपल के पेड़ का। बांस का पेड़ तड़ित विद्युत यंत्र का काम करता है। जहां ये पेड़ लगे होते हैं, वहां आकाशीय बिजली गिरने की संभावना कम हो जाती है।
अन्य पेड़
पौधे अज्ञानतावश घर में लगा लिए जाते हैं, जो वास्तु की दृष्टि से अशुभ भी हो सकते हैं, जैसे इमली, कपास, गोंद, कैक्टस, बोनसाई, रबर प्लांट तथा अन्य कांटेदार पौधे। ऐसे पौधे जिनकी पत्तियों को तोड़ने पर दूध जैसा सफेद द्रव्य निकलता है या ऐसे पौधे, जिनसे गोंद निकलता हो, हानिकारक हो सकते है। कांटेदार व नुकीले पौधे नकारात्मक वातावरण पैदा करते हैं। घर के प्रवेश द्वार के सामने सूखा पेड़ या पेड़ का ठूंठ नहीं होना चाहिए। यह अशुभ है।
नीम
इस वृक्ष का औषधीय महत्व बहुत अधिक है। इसकी पत्तियों को प्रवेश द्वार पर बांधना शुभ समझा जाता है। यह आयुर्वेद में लगभग 300 औषधियां बनाने के काम लाया जाता है। इसकी लकड़ी से बने फर्नीचर व दरवाजों में कभी दीमक नहीं लगती। इसकी टहनी का प्रयोग दांतुन के रूप में किया जाता है। अपने आसपास के वातावरण को यह कीटनाशक कर देता है, इसलिए इसे घर के आसपास लगाना अच्छा माना जाता है।
केला
केले के पौधे को शुभ व धन-संपन्नता का प्रतीक मानते हुए घर के प्रवेश द्वार व शादी-ब्याह के मंडप आदि को सजाने के काम में लाते हैं। इसके पत्तों पर भोजन रखकर खाना स्वास्थ्य के लिए हितकारी माना जाता है। गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा भी होती है। यह पेड़ मंदिरों में लगाया जाता है।
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