बुंदेलखंड के विकास के बारे में जो देश के नेता चुनाव के दोरान बादे करते हैं उनको चुनाव के बाद बहाल आने की अपनी
आदत को भी बहुत अछि तरह से याद रखते हैं जैसे अभी चुनाव प्रचार के दौरान प्रियंका गाँधी ने कहा के बे बर्शाती मेंढक
है वो ही नियम सरे राजनेताओ पर लागु होता है और एक बार चुनाव जीत आने के बाद वो केवल अपने और अपने
परिवार के विकास के योजनाओ के बारे में ही सोचते हैं ऐसे में बुंदेलखंड का विकास हो या न हो !
अगर मध्य प्रदेश की बात करें तो सत्यब्रत चतुर्वेदी जो कांग्रेस में बहुत बड़े नेता है लकिन आज तक को ऐसी योजने नहीं
आई जो बुंदेलखंड के विकास को बनती हो बुंदेलखंड के विकास में आने बाला पैसा या तो बुंदेलखंड के नेता खा गए या
फिर विचोलियों ने खा लिया लकिन आज तक यहाँ का विकास न तो देखने को मिला है और न ही आज तक कोई नेता
देखा है और यहाँ के विकास के बारे में सोचता हो!मै अगर उमा भारती की बात करूँ तो वो भी मध्य प्रदेश के
मुख्य मंत्री रह चुकी लकिन आज तक बुंदेलखंड के विकास का नामो निशान तक नहीं है ! अगर बुंदेलखंड का विकास
यहाँ के लोग सच मै देखना चाहते हैं तो उनको बुंदेलखंड के विकास मै आने बाले पैसे को केवल यहाँ के विकाश को
लगाना होगा लोगों को अपने घर को भरने की विचार धरा बदलनी होगी भ्रस्टाचार और कालाबाजारी को रोकना होगा !
मेरा मानना ये है की बुंदेलखंड मै अपार मात्रा मै खनिज है लेकिन उनका फायदा भी दुसरे राज्यों को मिल रहा है !
इस बारे मै भी बुंदेलखंड के राजनेताओ को सोचना होगा तभी जाकर बुंदेलखंड विस्का के पथ पर आगे बढेगा !