टीकमगढ़ हादसे में गाय मारे जाने के प्रायश्चित के तौर पर पठा गांव में रैकवार समाज की पंचायत ने पूरे एक कुटुंब को सिर मुंडवाने के अलावा कई और कर्मकांड करने का फरमान सुनाया है।
सामाजिक बहिष्कार से डरे इस कुटुंब के सभी 350 सदस्यों ने सोमवार को सिर मुंडा लिए और बाकी कर्मकांड पूरे करने की जुगत लगा रहे हैं। पंचायत ने यह फैसला शुक्रवार को सुनाया था, लेकिन टीकमगढ़ से महज 8 किमी दूर घटे इस वाकये की प्रशासन को भनक तक नहीं लगी।
दो-तीन दिन पहले पठा गांव के धरमू रैकवार के बेटे बालकिशन की टैक्सी से टकराकर एक गाय की मौत हो गई थी। बालकिशन गांव पहुंचकर यह बात परिवार के लोगों को बताई। बात गांव-समाज के लोगों तक भी पहुंची। इस मामले को लेकर गांव के सम्मानित और वरिष्ठ लोगों की पंचायत बुलाई गई। पंचायत ने निर्णय दिया कि बालकिशन से गौ हत्या हुई है। उसकी मुक्ति के लिए कुटुंब-परिवार के पूरे लोग सिर मुड़वाएं और इलाहाबाद जाकर गंगा स्नान के बाद पुराण बैठकी व पूजन कराकर पूरे गांव को भोज कराएं।
ऐसा न करने पर परिवार का सामाजिक बहिष्कार करने की चेतावनीदी गई। पंचायत का निर्णय मानते हुए परिवार के मुखिया धरमू रैकवार ने परिवार और कुटुंब के 350 लोगों का मुंडन करा दिया है। सोमवार को बालकिशन अपने परिवार के लोगों के साथ गंगा स्नान के लिए इलाहाबाद भी रवाना हो गया। दो दिन बाद परिवार की ओर से समाज को भोज दिया जाएगा। इसके बाद ही यह परिवार गांव के सार्वजनिक जलस्रोतों से पानी भरने, लोगों के यहां आने-जाने और दूसरों को अपने घर बुलाने का पात्र होगा।
पंचायत का फैसला मानना ही पड़ता है
बालकिशन के बड़े भाई गोपी रैकवार ने बताया कि यदि किसी समाज के व्यक्ति से गौ-हत्या हो जाती है, तो पंचायत बुलाई जाती है। पंचायत में गांव के वरिष्ठ सहित समाज के लोग शामिल होते हैं। पंचायत के निर्णय को मानना जरूरी है। पंचायत के निर्णय के विरोध में जाने पर समाज की ओर से निष्कासित कर दिया जाता है।
बालकिशन के चाचा प्रेम कुमार रैकवार ने बताया कि पंचायत का निर्णय यदि नहीं मनाते हैं तो समाज परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर देता है। उन्होंने बताया कि परिवार के बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक ने सिर मुड़वाया है। तहसीलदार मकसूद अहमद का कहना था कि प्रशासन को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। मंगलवार को टीम भेजकर जांच कराई जाएगी।
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