छतरपुर से एक अच्छी खबर आई हे ये उन लोगो के लिए भी हे जो आज के नोजवानो को कोसते हें |यहाँ की रहने वाली पांच वर्षीया अनिष्का बचपन से ही थेलिसिमिया से पीड़ित हे | ६ जुलाई २००५ को उसके पिता अरविन्द खरे को इस बीमारी के बारे में पता चला था | एक प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले अरविन्द ने अपनी सारी पूंजी उसके इलाज पर खर्च कर दी थी |५० हजार खर्च कर हेदराबाद में अनिष्का के शारीर का ब्लड बदलवाया था | आर्थिक रूप से जिंदगी से हार चुके अरविन्द को छतरपुर की कम्युनिटी हेल्थ केयर संस्था मिल गई | जिसके नोजवान साथियों ने अनिष्का की जिंदगी बचाने का संकल्प लिया हे | संस्था के पास ४२ लोगो ने ब्लड देने का संकल्प पत्र भरा हे |
संस्था के प्रमुख दीपक तिवारी के अनुसार ,इस कार्य के लिए एक हेल्प लाइन सेवा शुरू कि गई हे जिसमे लोग संस्था के मोबाईल नंबर 9753344434,,9926903939,,9826211631 पर संपर्क कर रक्त दान कर सकते हें |
डाक्टर लखन तिवारी का कहना हे की ये बीमारी लाइलाज होती हे | इस बीमारी के जीवाणु रक्त बनाने की प्रक्रिया रोक देते हें , ब्लड के व्हाइट ब्लड सेल कम होते जाते हें | एसे में इसे मरीज को नया ब्लड देने की जर्रूरत पड़ती हे | पीड़ित व्यक्ति को समय पर नया ब्लड मिलता रहे तो वे अपना पूरा जीवन बिना किसी तकलीफ के गुजार देते हें |
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