
जिला शिक्षा अधिकारी पन्ना से संपर्क किए जाने पर उन्होंने दावा किया कि स्कूल रोज खुलता है और वे इसे सिद्ध कर सकते हैं। जबकि हमारे संवाददाता को गांववासियों के अलावा स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों और प्राइमरी स्कूल के अध्यापकों ने बताया कि इस सत्र में एक भी दिन स्कूल नहीं खुला है।
विभागीय अधिकारियों के इस रवैये के कारण स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों का भविष्य खतरे में पढ़ गया है। एक ओर केंद्र सरकार शिक्षा गारंटी कानून लागू कर रही है दूसरी ओर निमहा गांव जैसे स्कूल हैं जहां एक भी दिन पढ़ाई तक नहीं हो रही।
कालेजो में प्रोफेसरो की भारी कमी
स्कूलों के साथ ही पन्ना के शासकीय छत्रसाल कॉलेज और शासकीय गर्ल्स कॉलेज में प्राध्यापकों की भारी कमी के चलते शिक्षण कार्य पर बुरा असर पड़ रहा है। सालो से रिक्त पदों को भरने की कोई पहल नही की गई है।
छत्रसाल कॉलेज में कॉमर्स का केवल मात्र एक ही प्राध्यापक है जिसे तीनों कक्षाओं को संभालना पड़ता है। वहीं गर्ल्स कॉलेज में साइंस का कोई टीचर ही नहीं है। कक्षाएं लेने के साथ ही प्राध्यापकों को हर महीने होने वाले सी.सी. टेस्ट भी और साल में कई बार होने वाली विभिन्न परिक्षाएं भी करानी पड़ती है।
पिछले कई सालों से गेस्ट फेकल्टी के तौर पर एडहॉक टीचर्स को रखा जाता था लेकिन इस बार अब तक नियुक्तियां नहीं होने से व्यवस्थाएं बुरी तरह चरमरा गई हैं।
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